जम्मू : कश्मीर के ऐतिहासिकता का जब भी जिक्र किया जायेगा तो सबसे पहले डोगरा वंश का नाम सामने आयेगा कश्मीर पर राज करने वाले डोगरा वंश परिवार के संस्थापक थे महाराजा गुलाब सिंह जिनकी 40 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण जम्मू कश्मीर के मुख्य गेट लखनपुर पर किया गया है। आज हम आपको गुलाब सिंह की 40 फीट ऊंची प्रतिमा के बतायेंगे पढ़िए हमारी इस खास रिपोर् में ।
कश्मीर के इतिहास में डोगरा राज वंश का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज है और ये परिवार हमेशा से ही कश्मीर के हर बाशिन्दे के लिए आदरणीय रहा है और डोगरा वंश की नींव कश्मीर में रखने वाले महाराजा गुलाब सिंह थे। जिनका जन्म 17 अक्टूबर, 1792 को जम्वाल में एक डोगरा राजपुत परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने युद्ध कौशल की शुरूवात एक सैनिक के रूप में की थी तब वो महाराजा रणजीत सिंह की सेना में थे। अंग्रेजों से संधि के तौर पर कश्मीर को लेकर उस पर राज करने वाले राजा गुलाब सिंह महान प्रशासक थे। उन्होंने जम्मू कश्मीर की सरहद का विस्तार तिब्बत और लद्दाख तक कर दिया था। उनके अतुलनीय योगदान के लिए जम्मू कश्मीर लखनपुर के मेन गेट पर उनकी 40 फुट की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस पूरी प्रतिमा को बनाने में 75 लाख रूपये की लागत आई है..और ये पूरी प्रतिमा कांस्य धातु से बनी हुई है। जम्मू लखन पुर के मेन गेट पर महाराजा गुलाब सिंह की प्रतिमा का अनवारण प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेन्द्र सिंह ने किया था। जो भी जम्मू आयेगा उसे मेन गेट पर ही महाराजा गुलाब सिंह की प्रतिमा का दीदार होगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए स्थानीय नागरिक सरकार का धन्यवाद करते है।
जम्मू कश्मीर के लोगों का जुड़ाव महाराजा गुलाब सिंह से आत्मिक तौर पर है। स्थानीय लोगों का मानना है कि महाराजा गुलाब सिंह और उनका पूरा राज परिवार आज भी उनके लिए सम्माननीय है। उनकी वीरता उनके साहस और पराक्रम की कहानी हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का काम करेगी। उनकी 40 फीट ऊंची प्रतीमा उनके बुलन्द हौंसलों और उनकी देश को लेकर भक्ति को दर्शाता हैं। .डोगरा वंश ने हमेशा से ही कश्मीर की आवाम को अपने बच्चों की तरह माना है । यही कारण था कि उन्होंने हमेशा देश के हितों के लिए कई लड़ाईयां लड़ी। कश्मीर के गौरवशाली इतिहास में महाराजा गुलाब सिंह एक मजबूत स्तम्भ है जिन्होंने अपनी आन बान शान से कश्मीर की रक्षा की है।
महाराजा गुलाब सिंह का निधन 1857 में हुआ था। उनके उत्तराधिकारी के रूप में उनके बेटे रणवीर सिंह ने कश्मीर की रियासत पर राज किया। कश्मीर में अमन चैन का माहौल एक दशक तक महाराजा गुलाब सिंह के शासन की ही देन था। डोगरा वंश के आखरी शासक महाराजा हरि सिंह थे। जिसमें कश्मीर की जनता को महाराजा गुलाब सिंह की ही छवि नजर आती थी। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि कश्मीर की अस्मिता के लिए हमेशा डोगरा राजवंश ने बलिदान दिया है और जम्मू कश्मीर की आवाम उनके इस बलिदान का ऋण कभी नहीं चुका सकती है।
जम्मू लखनपुर मेन गेट पर महाराजा गुलाब सिंह की प्रतिमा लगाने से आज की युवा पीढ़ी को बहुत प्रेरणा मिलेगी और इसके लिए स्थानीय लोग सरकार का दिल से धन्यवाद करते है।