Jammu and Kashmir : जम्मू-दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित चक्की पुल को लेकर सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पुल की नींव बह गई है और यह अब सुरक्षित नहीं है. इन खबरों पर अब उत्तर रेलवे ने सफाई दी है और कहा है कि चक्की पुल पूरी तरह सुरक्षित है और यातायात बिना किसी खतरे के जारी है.
रेलवे ने अपने बयान में कहा है कि पठानकोट कैंट और कंदरोड़ी स्टेशनों के बीच स्थित चक्की रेलवे पुल पर 20 और 21 जुलाई को अचानक बाढ़ आई थी, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ गया. लेकिन इस पुल पर पहले से ही 1 अगस्त 2024 से एहतियातन 20 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड लिमिट लागू की गई है ताकि कोई भी खतरा न हो.
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सोशल मीडिया पर जिसे पुल की नींव बताया जा रहा है, वह असल में एक अतिरिक्त ढलान वाली क्लैडिंग थी, जिसे हटाना पहले से तय था. यह हिस्सा बाढ़ की तेज धार में बह गया लेकिन इसका पुल की मजबूती और रेल संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
रेलवे ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुल पर कई उपाय किए हैं. आईआईटी रुड़की की सिफारिशों के अनुसार पुल पर मरम्मत और मजबूती का काम जारी है. 22 जुलाई को रेलवे के चीफ ब्रिज इंजीनियर ने खुद चक्की पुल का निरीक्षण किया. पुल पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए चौकीदार तैनात किए गए हैं और CCTV कैमरे लगाए गए हैं.
जैसे ही नदी का जलस्तर कम होगा, पाइल फाउंडेशन का काम दोबारा शुरू किया जाएगा. रेलवे ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक और भरोसेमंद स्रोतों से ही जानकारी लें.