पुंछ के बहादुर पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने की मांग तेज, लोगों की जान बचाने में निभाई अहम भूमिका!

Written By Vipul Pal Last Updated: Jun 11, 2025, 12:23 PM IST

Jammu and Kashmir : भारत-पाक युद्ध के दौरान पुंछ जिले में पाकिस्तानी सेना की भारी गोलाबारी से हालात बेहद खराब हो गए. रिहायशी इलाकों को निशाना बनाए जाने से 16 लोगों की मौत हो गई, कई दर्जन घायल हुए और सैकड़ों घर-मकान तबाह हो गए.

इस मुश्किल समय में पुंछ पुलिस के तीन जांबाज़ अधिकारी – अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक मुख्यालय नीरज शर्मा और थानाध्यक्ष मोहम्मद राशिद – लोगों की मदद में सबसे आगे रहे. इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना घायलों को अस्पताल पहुंचाया और फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों तक ले गए.

स्थानीय लोगों ने इन अधिकारियों को "देवदूत" कहकर पुकारा. एक व्यक्ति ने बताया कि उसके घर में पाकिस्तानी गोले से आग लग गई थी, तब एएसपी मोहन शर्मा खुद फायर ब्रिगेड लेकर पहुंचे और आग बुझाई.

काजी मोड़ा इलाके के लोगों ने बताया कि वहां भी भारी नुकसान हुआ, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया. बाहर से आए दो छात्रों ने भी पुलिस की मदद को याद करते हुए बताया कि 7-8 मई की सुबह जब गोलाबारी तेज हुई, तो एसपी नीरज शर्मा ने उन्हें अपने वाहन से सुरक्षित जगह तक पहुंचाया.

लोगों का कहना है कि जब चारों ओर तबाही मची थी और हर कोई डरा हुआ था, तब ये तीनों अधिकारी उम्मीद की किरण बनकर सामने आए. अब स्थानीय लोगों की मांग है कि ऐसे बहादुर पुलिस अधिकारियों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाए.