Jammu and Kashmir : सांबा जिला में अब किसान रिवायती खेती को छोड़ कर HADP योजना का फायदा लेकर एडवांस मशरूम की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे है. सांबा जिला के बॉर्डर इलाके मलानी गांव के नौजवान किसान मुकेश कुमार का कहना है कि पहले मशरूम की खेती अलग तरह से होती थी. अमूमन मशरूम की खेती कुछ महीनों के लिए होती थी. लेकिन नई टेक्नोलॉजी से इसके वक्त को बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा एग्रीकल्चर विभाग की तरफ से सरकार HADP योजना के तहत विभाग की तरफ से मदद दी गई है.
मुकेश कुमार बताते हैं कि मैंने मशरूम कैट्रोल क्रॉपिंग रूम स्थापित किया है, अब मैं 6 महीने मशरूम की खेती करता हूं और लाखों रुपए कमा रहा है. किसान मुकेश कुमार ने कहा एग्रीकल्चरल विभाग की तरफ से वक्त-वक्त पर ट्रेनिंग दी जाती है और मदद की जाती है. उन्होंने कहा कुछ नौजवान मुझसे प्रेरित हो कर सीखने भी आते है. मुकेश कुमार मशरूम की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं और लोगो के लिए मिसाल बन उभरे हैं.
एग्रीकल्चर विभाग सांबा के जिला अधिकारी मदन गोपाल सिंह ने कहा सांबा जिला में घाटी में नौजवान पहले IT की तरफ जाते थे. लेकिन अब वो पारंपरिक खेतीबाड़ी की तरफ आ रहे है. उन्होंने कहा जिले में एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट भी उनको HADP योजना का फायदा दे रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में HADP के 29 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.
जिला एग्रीकल्चरल चीफ अधिकारी ने कहा, मशरूम की खेती करने वाले किसानों को डिपार्टमेंट पॉली हाउस पॉलीथिन, मशरूम शेड और High Tech मशरूम Climate Control रूम दिया जाता है. जिसमें, किसान 12 महीने मशरूम की खेती करके अपनी जीविका चला रहा है. उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि नौजवान किसान खेतीबाड़ी में आगे आए, रोजगार पाएं और बेरोजगार युवा को रोजगार देने वाला बने.
उन्होंने आगे बताया कि विभाग किसानों को HADP योजना के तहत सब्सिडी लोन दे रहा है. एक दूसरी स्कीम के तहत एक नौजवान सॉयल टेस्टिंग लैब स्थापित करेगा. यह 5 लाख का प्रोजेक्ट है, जिसमे 3 लाख सब्सिडी है. इससे किसानों को भी गांव में ही जमीन की टेस्टिंग करवाने की सुविधा मिलेगी युवा को रोजगार मिलेगा.
मदन गोपाल सिंह ने कहा, डिपार्टमेंट की ओर से और भी बहुत सारी HADP योजनाएं चलाई जा रही हैं. अधिकारी ने कहा किसानो को योजनाओं का लाभ लेने के लिए, सरकारी दफ्तर के चक्कर न काटने पड़े, इसी को लेकर 42 किसान खिदमत घर सेंटर खोले गए हैं. जिले में दूसरे फेज़ में दो पंचायतों के दरमियान एक खिदमत घर सेंटर है. किसान वहां जाकर भी योजनाओं का लाभ उठा सकता है. उन्होंने केसर टीवी के माध्यम से पारंपरिक खेतीबाड़ी में आने ओर योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि नौजवान किसानों की विभाग पूरी तरह से सहायता करेगा...