BJP विधायकों ने CM उमर अब्दुल्ला से की मुलाकात, Urdu को Compulsory करने पर जताई आपत्ति!

Written By Vipul Pal Last Updated: Jul 03, 2025, 04:33 PM IST

Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक फैसलों को लेकर बीजेपी के 14 विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर में मिला. मुलाकात का मुख्य मुद्दा था – नायब तहसीलदार पद के लिए उर्दू भाषा को अनिवार्य करना. विधायकों ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया.

प्रतिनिधिमंडल में शाम लाल शर्मा, नरेंद्र सिंह, युद्धवीर सेठी, शक्ति परिहार, डी.के. मनेयाल, चंद्र प्रकाश गंगा, बलवंत मनकोटिया, पवन गुप्ता, विक्रम रंधावा, गारू राम, बलदेव शर्मा, सतीश शर्मा, सुनील भारद्वाज और सुरेंद्र भगत शामिल थे.

विधायकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उर्दू को अनिवार्य बनाने से जम्मू संभाग के युवाओं में भारी असंतोष है. उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर में पहले ही आधिकारिक भाषा अधिनियम 2020 के तहत हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, डोगरी और कश्मीरी को मान्यता मिल चुकी है. ऐसे में सिर्फ उर्दू को अनिवार्य करना उचित नहीं है.

भाजपा विधायकों ने विवादित विज्ञापन को वापस लेने और 2011 के मॉडल की तर्ज पर नया विज्ञापन जारी करने की मांग की. इस पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधायकों को आश्वासन दिया कि इस विषय पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

विधायकों ने अन्य जनहित के मुद्दे भी उठाए, जिनमें जम्मू के नई बस्ती क्षेत्र में फ्लाईओवर प्रोजेक्ट के चलते प्रभावित दुकानदारों का पुनर्वास भी शामिल था. उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रभावित व्यापारियों को शीघ्र मुआवजा और वैकल्पिक स्थान मुहैया कराया जाए.

इसके अलावा, विधायकों ने खेल कोटा के तहत लंबे समय से लंबित चयन सूची को भी जल्द जारी करने की मांग की. मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और समाधान निकालने का आश्वासन दिया.

यह मुलाकात राज्य की राजनीति और प्रशासनिक फैसलों पर भाजपा की सक्रियता और जनता के हितों के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.