Jammu and Kashmir : सोमवार को शहीदी दिवस (13 जुलाई) के मौके पर श्रीनगर के मजार-ए-शुहदा पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेताओं और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति बन गई. पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जब मौके पर रोका गया, तो उन्होंने दीवार फांदकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
दरअसल, प्रशासन ने इस साल मजार-ए-शुहदा में किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि या सार्वजनिक सभा पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद रविवार को डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, नासिर असलम वानी, तनवीर सादिक और अन्य नेताओं ने मजार पहुंचने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उमर अब्दुल्ला के साथ धक्का-मुक्की की गई.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें और उनके साथियों को रविवार सुबह घर में ही नजरबंद कर दिया था. जब थोड़ी छूट मिली तो उन्होंने मजार पर जाने की इच्छा जताई, लेकिन रास्ता रोक दिया गया. उन्होंने बताया कि उनके घर के बाहर अचानक एक बंकर खड़ा कर दिया गया, जो आधी रात तक वहीं रहा.
उन्होंने सोमवार को बिना पूर्व सूचना के मजार की ओर रवाना होने का फैसला किया. लेकिन रास्ते में पुलिस और CRPF की गाड़ियां रोकने के लिए तैनात थीं. उमर अब्दुल्ला ने बताया कि नवहट्टा चौक पर उनका रास्ता बंद कर दिया गया था, जिससे मजबूर होकर उन्होंने दीवार फांदकर मजार तक पहुंचना पड़ा.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रशासन की इस कार्रवाई की आलोचना की है और कहा है कि शहीदों को श्रद्धांजलि देना किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि एक संवेदनशील परंपरा है जिसे हर साल निभाया जाता रहा है.
पार्टी नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि सरकार शहीदों की याद को दबाने की कोशिश कर रही है. वहीं, उमर अब्दुल्ला ने दोहराया कि चाहे कितनी भी रुकावटें आएं, वे और उनकी पार्टी शहीदों को श्रद्धांजलि देना जारी रखेंगे.