Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तो पिछले साल हो गए, लेकिन अब भी कई अहम लोकतांत्रिक संस्थाओं में पद खाली पड़े हैं और चुनाव की कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है. राज्यसभा की 4 सीटें अब भी खाली हैं, जबकि विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव का इंतजार हो रहा है.
नगरोटा से विधायक देवेंद्र सिंह के निधन और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा बडगाम सीट छोड़ने से ये दोनों विधानसभा सीटें खाली हुई हैं. इन पर उपचुनाव की घोषणा अभी तक नहीं हुई, जबकि विधानसभा चुनाव को 8 महीने बीत चुके हैं.
राज्यसभा की सीटों के लिए भी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है. 2021 में आखिरी बार राज्यसभा चुनाव हुए थे, उस वक्त जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल शासन था और विधानसभा भंग थी.
इतना ही नहीं, पंचायत चुनाव और शहरी निकाय चुनाव भी पिछले एक साल से लटके हुए हैं. न तो सरपंचों और पंचों के चुनाव हुए हैं और न ही नगर निगम व नगर परिषदों के.
आल जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के अध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है कि इन सभी चुनावों को जल्द करवाना चाहिए ताकि लोगों की आवाज प्रशासन तक पहुंच सके और लोकतंत्र मजबूत हो. चुनावों में देरी से आम जनता की परेशानियां बढ़ रही हैं.