Jammu and Kashmir : देश में राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद में अब जम्मू-कश्मीर की भी एंट्री हो चुकी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले में स्पष्ट और सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर पहले अपने पानी का इस्तेमाल करेगा और उसके बाद ही किसी अन्य राज्य को देने पर विचार किया जाएगा.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का यह बयान उस समय आया है जब पंजाब की ओर से पानी की मांग की जा रही थी. उमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पास भी कई दरिया हैं, लेकिन इसके बावजूद पंजाब ने हमें कभी भी पानी नहीं दिया. ऐसे में अब जब हमें अपने पानी की जरूरत है तो हम किसी और को क्यों दें?
उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के पास तीन प्रमुख नदियां हैं, लेकिन वर्षों से प्रदेश के लोग पानी की कमी से जूझते आ रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "जब पंजाब को हमारे पानी की जरूरत थी, उन्होंने हमें नजरअंदाज किया. अब हमें अपने संसाधनों की जरूरत है, इसलिए हम पहले खुद उनका उपयोग करेंगे."
उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला राज्य के हितों की रक्षा के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को अपने विकास, सिंचाई, पीने के पानी और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता है.
सीएम के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है. कुछ लोगों ने उमर के बयान को राज्यहित में जरूरी बताया है, वहीं कुछ ने इसे विवाद को बढ़ावा देने वाला करार दिया है.
हालांकि, उमर अब्दुल्ला का कहना है कि उनकी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार और आवश्यकताएं हैं, और वे किसी भी कीमत पर राज्य के संसाधनों से समझौता नहीं करेंगे.