Jammu and Kashmir : मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी नेताओं महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन पर आरक्षण के मुद्दे को लेकर तीखा हमला बोला है. राब्ता कार्यालय का उद्घाटन करते हुए उमर ने कहा कि पीडीपी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सिर्फ राजनीति करने के लिए आरक्षण के मुद्दे को उठा रहे हैं, जबकि जब वे सत्ता में थे तब उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं किया.
CM उमर ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब महबूबा मुफ्ती को चुनाव में राजौरी और पुंछ से वोटों की जरूरत थी, तब उन्होंने आरक्षण के बारे में बात क्यों नहीं की? उस समय उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को आरक्षण पर बोलने से सख्ती से मना कर दिया था. अब जब वे सत्ता से बाहर हैं, तो इस मुद्दे को उठाकर राजनीति की जा रही है.
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि जब सज्जाद लोन सत्ता के करीब थे और सरकारी घरों में आराम से रह रहे थे, तब उन्होंने भी आरक्षण पर कुछ नहीं बोला. उन्होंने कहा, "हमें तो हमारे सरकारी घरों से बाहर निकाल दिया गया और सुरक्षा भी कम कर दी गई, लेकिन उस समय ये नेता चुप थे."
सीएम ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने छह महीने के भीतर आरक्षण से जुड़ी रिपोर्ट तैयार कर ली है और यह पहली बार है जब इस दिशा में इतनी तेज़ प्रगति हुई है. उन्होंने कहा, "अगर हमें समय बर्बाद करना होता, तो हम उप-समिति को छह महीने और दे देते. क्या तब भी वे हमें रोक सकते थे?"
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने उप-समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और अब यह रिपोर्ट कानून विभाग को समीक्षा के लिए भेजी गई है. उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर है और इसमें राजनीति नहीं बल्कि जनता के हित में काम किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री के इस बयान से आरक्षण पर छिड़ी बहस और तेज़ हो गई है. अब देखना होगा कि विपक्षी दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.