Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग (CIK) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कश्मीर में चल रहे एक ऑनलाइन आतंकी भर्ती मॉड्यूल को नाकाम कर दिया है. इस मॉड्यूल को पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अब्दुल्ला गाजी उर्फ शौकत चला रहा था. गाजी इंटरनेट के जरिए स्थानीय युवाओं को आतंकवादी संगठनों में भर्ती करने की कोशिश कर रहा था.
CIK ने शनिवार को श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा और गांदरबल जिलों में 10 जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. इन लोगों पर पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों के निर्देश पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने, फंडिंग करने और तकनीकी माध्यमों से समन्वय स्थापित करने का आरोप है.
जांच में पता चला है कि ये लोग एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स के जरिए लगातार पाकिस्तान में बैठे आतंकी कमांडर के संपर्क में थे. ये एप्लिकेशन आतंकी गतिविधियों को छुपाने और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे. जब्त किए गए उपकरणों से यह भी पता चला कि यह नेटवर्क पाकिस्तान के एक बड़े शहर से संचालित हो रहा था.
सीआईके ने इस मॉड्यूल में शामिल लगभग 10 साइबर जिहादियों की पहचान कर ली है. इन सभी का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठनों में शामिल करना था. अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों से भारी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद हुए हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है.
यह पूरी कार्रवाई दो साल पुराने आतंकी मामले की जांच से जुड़ी है. मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत दर्ज किया गया था.
सीआईके का कहना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कश्मीरी युवाओं को आतंकी जाल में फंसने से बचाना है. साथ ही, राज्य में आतंकी नेटवर्क को तोड़कर शांति बहाल करना और आतंकियों को सहयोग देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करना भी प्राथमिकता है.