श्रीनगर में शहीदी दिवस पर कई रास्ते रहे बंद, NC नेताओं को भी किया गया नजरबंद!

Written By Vipul Pal Last Updated: Jul 14, 2025, 12:50 PM IST

Jammu and Kashmir : 13 जुलाई को मनाए जाने वाले शहीदी दिवस के मद्देनज़र श्रीनगर में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे. पुराने शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित शहीदों के कब्रिस्तान की ओर जाने वाले सभी रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया गया था. इसके अलावा, शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई थी.

अधिकारियों के मुताबिक, केवल अधिकृत वाहनों और सुरक्षाबलों को ही इन बैरिकेड्स से गुजरने की अनुमति दी गई. आम लोगों को उन रास्तों पर जाने से रोका गया है जो संवेदनशील माने जाते हैं.

शहीद दिवस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने ख्वाजा बाजार, नौहट्टा स्थित शहीदों के कब्रिस्तान में श्रद्धांजलि देने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी. श्रीनगर पुलिस ने X (Twitter) पर Public Message जारी कर कहा कि सभी को प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए और उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इसपर, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रशासन के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि 13 जुलाई कोई आम तारीख नहीं, बल्कि बलिदान और अधिकारों की लड़ाई की याद दिलाने वाला दिन है. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग शांति और सम्मान के साथ अपने शहीदों को याद करते रहेंगे.

तनवीर सादिक ने यह भी दावा किया कि पार्टी के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि गुपकार रोड पर पार्टी नेताओं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों को घरों में कैद कर दिया गया था ताकि वे शहीदी दिवस पर बाहर जाकर श्रद्धांजलि न दे सकें.

बता दें कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से 13 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश की सूची से हटा दिया गया है, जो पहले राजकीय अवकाश हुआ करता था.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसे शहीदों की याद को दबाने की कोशिश बताया है और प्रशासन के रवैये को असंवेदनशील करार दिया है. पार्टी का कहना है कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, वे शहीदों का सम्मान करना नहीं छोड़ेंगे.