Ladakh : लेह में आयोजित एक भव्य समारोह में बीजेपी के वरिष्ठ नेता कविन्द्र गुप्ता ने लद्दाख के तीसरे उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली. वे लद्दाख की पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए और जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण के बाद लद्दाख पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया.
इस समारोह में लद्दाख के मुख्य सचिव डॉ. पवन कोटवाल ने उनकी नियुक्ति का वारंट पढ़ा. इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग, सांसद मोहम्मद हनीफा जान, लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के अधिकारी, जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष सत शर्मा, सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.
कविन्द्र गुप्ता का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने पंजाब के संगरूर में छात्र नेता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी और आपातकाल के समय इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए थे. बाद में वे जम्मू नगर निगम के तीन बार मेयर बने और 51 दिनों के लिए जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री भी रहे. अब उन्होंने लद्दाख के उपराज्यपाल पद की जिम्मेदारी संभाली है.
लद्दाख इस समय कई संवेदनशील मुद्दों से जूझ रहा है. राज्य दर्जे की मांग, संविधान की छठी अनुसूचि के तहत विशेष अधिकार, युवाओं के लिए रोजगार और व्यापारियों के हित जैसे कई विषय चर्चा में हैं. ऐसे में नए उपराज्यपाल के सामने कारगिल और लेह के बीच संतुलन बनाए रखने, जनता का विश्वास जीतने और प्रशासन को जनोन्मुखी बनाने की बड़ी चुनौती होगी.
बता दें कि 2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. तब आरके माथुर पहले उपराज्यपाल बने थे और उन्होंने अपने कार्यकाल में जनता के लिए राजभवन के दरवाजे खुले रखे थे. उनके बाद ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा फरवरी 2023 में लद्दाख के दूसरे उपराज्यपाल बने और करीब 29 महीने तक पद पर रहे.
अब जब लद्दाख के क्षेत्रीय संगठन केंद्र सरकार के साथ राज्य दर्जे और छठी अनुसूचि की मांग को लेकर बातचीत कर रहे हैं, ऐसे समय में कविन्द्र गुप्ता का नेतृत्व अहम साबित हो सकता है. उन्हें उम्मीद है कि वह लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे और लद्दाख में स्थिरता और विकास को नई दिशा देंगे.