वो लड़की जिसने 71 दिन में हाथों से लिखा क़ुरान-ए-पाक

कासिरा फैयाज़ ने पहले तो कुरान को कंठाग्र किया और फिर अपने हाथों से कुरान पाक को लिख डाला. कासिरा की उम्र महज़ 17 साल है लेकिन इस छोटी सी उम्र में उन्होंने पूरा कुरान करीम लिख दिया. कमाल की बात ये है कि उन्होंने सिर्फ 71 दिनों में अपने इस कारनामे को अंजाम दिया.

वो लड़की जिसने 71 दिन में हाथों से लिखा क़ुरान-ए-पाक
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J&K पुलवामा : वादी-ए-कश्मीर की एक लड़की ने हाथों से पूरा कुरान करीम लिखने का कारनाम पेश किया है. पुलवामा जिले की कासिरा फैयाज़ नाम की एक छात्रा ने हाथों से कुरान लिखने का जो कमाल करके दिखाया है उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. 

दरअसल, कासिरा फैयाज़ ने पहले तो कुरान को कंठाग्र किया और फिर अपने हाथों से कुरान पाक को लिख डाला. कासिरा की उम्र महज़ 17 साल है लेकिन इस छोटी सी उम्र में उन्होंने पूरा कुरान करीम लिख दिया. कमाल की बात ये है कि उन्होंने सिर्फ 71 दिनों में अपने इस कारनामे को अंजाम दिया. 

10 क्लास में पढ़ने वाली कासिरा ने कुरान की पहली सूरह की किताबत अक्टूबर के महीने में शुरु की थी और 11 अक्टूबर को सूरह नाज़ लिखकर इसे तकमिल को पहुंचाया. कुरान लिखने में मकामी मदरसे के एक उस्ताद ने उनकी मदद की है. 

कासिरा ने बताया कि कुरान लिखने की वजह से उनकी स्कूलिंग बिलकुल भी प्रभावित नही हुई. घरवाले और मकामी लोग उनके इस काम से काफी खुश हैं और उन्हें बहुत बहुत मुबारकबाद दे रहें हैं. 

कासिरा के मुताबिक दुनिया की तालिम के साथ साथ नौजवानों को मज़हबी तालिम को भी साथ लेकर चलना चाहिए. है. कासिरा ने कहा है कि हम दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं लेकिन कुरान को हमेशा अपने साथ रखना चाहिए इससे पढ़ाई पर फोकस के साथ साथ धार्मिक तालीम से भी जुड़ाव बना रहता है.

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