Indian Army: गुरेज में हिमस्खलन बचाव कैडर तैयार करने के लिए नौजवानों को ट्रेनिंग दे रही आर्मी...

valanche Rescue Cadre: हिमस्खलन जैसी स्थिति में अपनी प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाने और लोगों को समय पर मदद पहुंचाकर, उनकी जान बचाना जरूरी हो जाता है. इसके लिए भारतीय सेना गुरेज घाटी के अलग-अलग गांवों से ताल्लुक रखने वाले 10-12 नौजवानों को ट्रेनिंग दे रही है. सेना इन सभी स्वयंसेवकों की टीम को अत्याधुनिक उपकरणों के साथ-साथ, हिमस्खलन बचाव तकनीक सिखा रही है.

Indian Army: गुरेज में हिमस्खलन बचाव कैडर तैयार करने के लिए नौजवानों को ट्रेनिंग दे रही आर्मी...
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Jammu and Kashmir: गुरेज में तैनात भारतीय सेना हिमस्खलन बचाव कैडर तैयार करने के लिए स्थानीय युवा स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दे रही है. जो हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में बचाव के लिए सेना और पुलिस की मदद कर सकेंगे.

सेना के अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय सेना ने इस साल गुरेज में कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत, घाटी के विभिन्न गांवों के युवा स्वयंसेवकों के लिए ट्रेनिंग का आयोजन किया है.

गौरतलब है कि गुरेज घाटी में बहुत ज्यादा बर्फबारी होती है और जिससे बाद में हिमस्खलन के खतरे भी बढ़ जाते हैं. हिमस्खलन (Avalanche) से  नागरिकों और सेना के जवानों के लिए गंभीर खतरे पैदा हो जाते हैं.

वहीं, सेना के प्रवक्ता ने बताया कि हिमस्खलन जैसी आपातकालीन स्थिति में भारतीय सेना ही सबसे पहले एक्शन लेती है. ऐसे में, हिमस्खलन जैसी स्थिति में अपनी प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाने और लोगों को समय पर मदद पहुंचाकर, उनकी जान बचाना जरूरी हो जाता है.  इसके लिए भारतीय सेना गुरेज घाटी के अलग-अलग गांवों से ताल्लुक रखने वाले 10-12 नौजवानों को ट्रेनिंग दे रही है. सेना इन सभी स्वयंसेवकों की टीम को अत्याधुनिक उपकरणों के साथ-साथ, हिमस्खलन बचाव तकनीक सिखा रही है. 

आपको बता दें कि इन स्वयंसेवकों को रोप क्राफ्ट, बर्फ और हिमस्खलन संभावित इलाके से निपटने, हिमस्खलन पीड़ित डिटेक्टरों को संभालने, मेडिकल इमरजेंसी के हालात में प्राथमिक चिकित्सा, स्नो क्राफ्टिंग और स्कीइंग के साथ-साथ जीवित रहने की तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
 

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