जम्मू-कश्मीर की 'नई तक़दीर' लिखेंगी महिलाएं, लोकसभा-राज्यसभा में पास हुआ पुनर्गठन विधेयक
जम्मू कश्मीर में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पास हो गया. यानि अब तक जम्मू कश्मीर में सिर्फ 2 से 3 महिलाएं ही विधानसभा पहुंच पाती थी लेकिन अब 90 में से कम से कम 30 महिलाएं विधायक बन सकेंगी
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J&K Women Reservation Bill: धारा 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर का माहौल काफी बदल चुका है और अब इसी बीच खबर ये है कि प्रदेश की ख्वातीन विकास की नई कहानी लिख सकेंगी जीहां, जम्मू कश्मीर की तस्वीर और तकदीर बदले का ऐसा अधिकार अब वहां कि महिलाओं को मिल गया है जो अबतक उन्हें नही मिला था.
दरअसल, जम्मू कश्मीर में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पास हो गया. यानि अब तक जम्मू कश्मीर में सिर्फ 2 से 3 महिलाएं ही विधानसभा पहुंच पाती थी लेकिन अब 90 में से कम से कम 30 महिलाएं विधायक बन सकेंगी
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ही ये बिल लोकसभा में पास हुआ था जिसके बाद से ही इस बिल को राज्यसभा में पेश करने की बात हो रही थी. और अब ये बिल राज्यसभा में भी पास कर दिया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही ये बिल कानून में तब्दील हो जाएगा.
इससे साफ है कि ये कानून बनते ही जम्मू कश्मीर की महिलाओं को सत्ता के गलियारे में सही जगह मिल सकेगी और वो चूल्हा चौका छोड़ प्रदेश के विकास के लिए बढ़ी बढ़ी नीतियां बनाती नज़र आएंगी. बात करें अगर इस महिला आरक्षण बिल की तो आपको बता दें कि ये बिल में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा.
अगर राजनीतिक आकंड़ों पर विश्वास किया जाए तो पिछले 30 सालों में जम्मू कश्मीर में महिलाओं की हिस्सेदारी ना के बराबर ही रही है. यहां कभी भी तीन से ज्यादा महिला विधायक नही रहीं. आंकड़ों के मुताबिक साल 1996 में दो महिलाएं, 2002 में भी दो, 2008 में तीन महिला, साल 2014 महिला विधायकों की गिनती फिर दो हो गई. हालांकि मुफ्ती मोहम्मद सईद के इंतक़ाल के बाद महबूबा मुफ्ती चुनकर आईं और महिला विधायकों की गिनती फिर तीन हुई.
लेकिन अब राज्यसभा में पास हुए इस बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद जनगणना पूरी होने के बाद जैसे ही ये कानून लागू हो होगा, वैसे ही जम्मू कश्मीर की तस्वीर में वाजिब तब्दील दिखाई देगी. इससे न सिर्फ प्रदेश का रूप बदलेगा बल्कि महिलाएं अपने ज्ञान और प्रतिभा के दम पर राजनीतिक सशक्तीकरण के साथ समाज में नए कीर्तिमान बना सकेंगी.