इन 3 तरीकों से करें मिलावटी केसर की पहचान, कहीं बन ना जाए बीमारी का सबब
केसर एक फूल वाला पौधा है यानी केसर के बीज में कोई पेड़ वगैरह नहीं निकलते है. दरअसल केसर फूलों का स्टिग्मा होता है. हर फूल में करीब 3-4 स्टिग्मा ही होते हैं. इन स्टिग्मा को हाथों से निकालकर सुखाया जाता है और यह पूरा प्रोसेस कश्मीरी लोगों के हाथों से ही होता है. तब जाकर कश्मीर का शुद्ध केसर हासिल हो पाता है. हर साल करीब ढाई से तीन लाख केसर के फूलों को हाथों से तोड़ा जाता है. अगर ऐसे में कोई बाज़ार में आपको नकली केसर पकड़ा दे तो आपका भारी नकुसान हो सकता है साथ ही नकली या मिलावटी केसर का इस्तेमाल करने से पेट दर्द, दस्त, गैस और पेट में सूजन की परेशानी हो सकती है. इसलिए केसर खरीदने से पहले आपको नकली और असली केसर की पहचान होना बेहद ज़रूरी है. आइए आपको बताते हैं कि आप इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं.
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Identify Original Saffron Tips: केसर एक फूल वाला पौधा है यानी केसर के बीज में कोई पेड़ वगैरह नहीं निकलते है. दरअसल केसर फूलों का स्टिग्मा होता है. हर फूल में करीब 3-4 स्टिग्मा ही होते हैं. इन स्टिग्मा को हाथों से निकालकर सुखाया जाता है और यह पूरा प्रोसेस कश्मीरी लोगों के हाथों से ही होता है. तब जाकर कश्मीर का शुद्ध केसर हासिल हो पाता है. हर साल करीब ढाई से तीन लाख केसर के फूलों को हाथों से तोड़ा जाता है. अगर ऐसे में कोई बाज़ार में आपको नकली केसर पकड़ा दे तो आपका भारी नकुसान हो सकता है साथ ही नकली या मिलावटी केसर का इस्तेमाल करने से पेट दर्द, दस्त, गैस और पेट में सूजन की परेशानी हो सकती है. इसलिए केसर खरीदने से पहले आपको नकली और असली केसर की पहचान होना बेहद ज़रूरी है. आइए आपको बताते हैं कि आप इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं.
नकली और असली केसर में ऐसे करें पहचान
1. सूंघ कर- असली और नकली केसर की पहचान उसकी महक से भी कर सकते हैं. बाज़ार में मौजूद केसर को आप सबसे पहले सूंघ कर देखिए. अगर वह असली केसर होगा तो उसमें शहद जैसी महक आएगी. वहीं अगर वह नकली या मिलावटी केसर हुआ तो उसमें से कड़वी या कोई अजीब महक आ सकती है. ऐसे में आपको उस केसर को खरीदने से बतना चाहिए.
2. चख कर- बाज़ार में केसर को खरीदने से पहले आप इसे एक बार ज़रूर चख लें. केसर के ज़ायके से भी इसके असली और मिलावटी की पहचान की जा सकती है. केसर के दो टुकड़ों को ज़ुबान पर थोड़ी रख कर इसे धीरे धीरे चबाएं. अगर केसर का ज़ायका मीठा लगता है तो इसका मतलब है कि केसर में मिलावट है क्योंकि केसर की महक भले ही मीठी शहद जैसी होती है लेकिन यह ज़ायका में थोड़ा कड़वा भी होता है.
3. बेकिंग सोडा का इस्तेमाल- नकली और मिलावटी केसर की पहचान करने का सबसे सही तरीका बेकिंग सोडा के इस्तेमाल को माना जाता है. इसके लिए सबसे पहले आपको एक कटोरी में पानी भर कर उसमें एक छोटा चम्मच बेकिंग सोडा डालकर मिक्स कर लें. अब इसमें केसर के कुछ टुकड़े डालकर देखें कि, अगर पानी लाल रंग का हो जाता है तो इसका मतलब साफ है कि वह केसर मिलावटी है. वहीं अगर वह हल्का पीला रंग छोड़े तो वह केसर असली है.
मार्केट में क्यों मौजूद है नकली केसर?
केसर का नाम सुनते ही ज़हन में सबसे पहले उसकी क़ीमत आती है. केसर लाखों रुपये में बिकने वाला मसाला है. उसकी उगाई से लेकर बाज़ारों में बिकने तक का सफ़र काफी लंबा और मुश्किल भरा होता है. इसी सफ़र में की गई मेहनत ही इसे क़ीमती बना देती है. दरअसल, केसर की कई हज़ार स्कवायर फीट में खेती करने पर भी इसकी पैदावर कम होती है. एक किलो केसर पाने के लिए काफी लंबी ज़मीन पर खेती करनी पड़ती है. केसर की खेती के लिए रेतीली, चिकनी, बलुई या दोमट मिट्टी चाहिए होती है. ऐसे में नकली केसर को असली दामों में बेचकर हर कोई मुनाफा कमाना चाहता है.