Kiru Hydel Project : जम्मू-कश्मीर को बिजली संकट से राहत देने आ रहा किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट!
Hydro-Electricity Project : किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट जल्द शुरू होने वाला है, जिससे जम्मू-कश्मीर को बिजली संकट से राहत मिलेगी. 624 मेगावाट की इस परियोजना से हर साल लगभग 1975 मिलियन यूनिट बिजली बनेगी. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते यह परियोजना पहले विवादों में रही थी.
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Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर के लोगों को जल्द ही बिजली संकट से राहत मिलने वाली है, क्योंकि बहुप्रतीक्षित किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट इसी महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है. चिनाब नदी पर बने इस जल विद्युत परियोजना से प्रदेश में बिजली उत्पादन में बड़ा इजाफा होगा.
624 मेगावाट की क्षमता वाला किरू प्रोजेक्ट एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है, जिसे चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) द्वारा विकसित किया गया है. यह कंपनी एनएचपीसी (NHPC) और जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डवलपमेंट कॉरपोरेशन (JKSPDC) का संयुक्त उपक्रम है.
इस परियोजना के तहत 135 मीटर ऊंचा बांध और 156 मेगावाट की 4 टर्बाइन यूनिट्स के साथ एक भूमिगत पावर हाउस बनाया गया है. इसके शुरू होने के बाद हर साल लगभग 1975 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतों को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा.
भ्रष्टाचार के आरोप और जांच
किरू प्रोजेक्ट एक समय चर्चा में तब आया था, जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि उन्हें इस प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइल को मंजूरी देने के एवज में 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.
उनके आरोपों के बाद सीबीआई ने अप्रैल 2022 में दो केस दर्ज किए और तीन साल की जांच के बाद मई 2025 में सत्यपाल मलिक समेत आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. आरोप था कि प्रोजेक्ट के सिविल वर्क के लिए दिए गए 2200 करोड़ रुपये के ठेके में नियमों की अनदेखी हुई.
प्रदेश की ऊर्जा स्थिति
जम्मू-कश्मीर में कुल 14,867 मेगावाट पनबिजली उत्पादन क्षमता की पहचान की गई है, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 3540.15 मेगावाट ही बिजली का उत्पादन हो रहा है.
राज्य में कुल 31 हाइड्रो प्रोजेक्ट्स चालू हैं, जिनमें से 13 राज्य सरकार की परियोजनाएं हैं, 6 केंद्र की NHPC द्वारा संचालित हैं और बाकी निजी क्षेत्र द्वारा बनाए गए हैं.
किरू परियोजना के शुरू होने से न केवल बिजली उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे. आने वाले समय में यह प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में अहम कदम साबित होगा.