Loksabha : जम्मू-कश्मीर में SC, ST से संबंधित 2 बिल को मिली लोकसभा की मंज़ूरी

SC ST Bill Passes in LS : सदन ने विधेयकों पर चर्चा और सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा के जवाब के बाद संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन) बिल, 2023 और संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) बिल 2023 को मंज़ूरी दे दी है. 

Loksabha : जम्मू-कश्मीर में SC, ST से संबंधित 2 बिल को मिली लोकसभा की मंज़ूरी
Stop

जम्मू SC ST Bill : मंगलवार को लोकसभा ने जम्मू कश्मीर में एससी-एसटी से संबंधित दो विधेयकों को मंज़ूरी दे दी है. दोनों विधेयक अब राज्यसभा में भेजे जाएंगे. सदन ने विधेयकों पर चर्चा और सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा के जवाब के बाद संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन) बिल, 2023 और संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) बिल 2023 को मंज़ूरी दे दी है. 

पहले बिल में वाल्मिकी समुदाय को चुड़ा, वाल्मीकि समुदाय के समानार्थी के रूप में जोड़ने का प्रावधान है. वहीं दूसरे बिल में, जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में 4 समुदायों को जोड़ने का प्रावधान है. ये गड्डा, ब्राह्मण, कोली, पडारी कबीला और पहाड़ी जातीय समूह है. 

विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में समानता है, जो पूर्ववर्ती राज्य को विशेष दर्जा देता था. मंत्री ने आगे कहा कि पहले की सरकारें सिर्फ अनुसूचित जाति के लोगों को अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती थीं. लेकिन उनकी सरकार अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद नहीं कर रही है. 

विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ, भाजपा सरकार ने ये संदेश दिया है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है. 

विधेयक का मकसद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के लिए अनुसूचित जनजातियों की अलग सूची बनाने के लिए संविधान (J&K) अनुसूचित जनजाति आदेश 1989 में संशोधन करना है. 
 

Latest news

Powered by Tomorrow.io