मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर पर अमित शाह का एक्शन, UAPA के तहत लगाया बैन...
इस बात की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया के जरिए दी है. उन्होंने अपने एक्स पर लिखा है, "मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघठन' घोषित किया गया है. यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं".
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जम्मू और कश्मीर MLJK Banned : मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA)के तहत राजनैतिक दल मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर बैन का ऐलान कर दिया है.
इस बात की जानकारी खुद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया के जरिए दी है. उन्होंने अपने एक्स पर लिखा है, "मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघठन' घोषित किया गया है. यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं".
The ‘Muslim League Jammu Kashmir (Masarat Alam faction)’/MLJK-MA is declared as an 'Unlawful Association' under UAPA.
— Amit Shah (@AmitShah) December 27, 2023
This organization and its members are involved in anti-national and secessionist activities in J&K supporting terrorist activities and inciting people to…
इस संघ को बैन करने की जानकारी देते हुए गृह मंत्री ने आगे कहा कि ये संगठन आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है और लोगों को भड़काने का काम करता है. यही नहीं, इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नही जाएगा. उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि ये संगठन मर्सरत आलम भट का है. साल 2019 से मर्सरत आलम दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई जानकारी के मुताबिक मर्सरत पर 50 आंतकी फंडिंग मामले में NIA द्वारा मामला दर्ज है. इसके अलावा आलम के खिलाफ 27 एफआईआर दर्ज हैं और 36 पीएसए के तहत मामले दर्ज हो चुके हैं. साल 2010 में जम्मू कश्मीर में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद आलम की गिरफ्तारी हुई थी लेकिन 2015 में रिहाई के बाद मर्सरत आलम ने उस पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलफा विरोध किया जो उस वक्त बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल थी. इसके बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार ने मर्सरन को देशद्रोह और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में फिर गिरफ्तार किया.