Cervical Cancer: क्या है सर्वाइकल कैंसर? जिससे हर साल लाखो महिलाएं अपनी जान गंवा रहीं हैं ?

सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो मूढ़ा गर्भाशय का होता है, जिसे गर्भाशय का मुंह कहा जाता है. यह कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है, लेकिन यह मुख्यतः महिलाओं में पाया जाता है.

Cervical Cancer: क्या है सर्वाइकल कैंसर? जिससे हर साल लाखो महिलाएं अपनी जान गंवा रहीं हैं ?
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आज के इस समय में शारीर के लगभग हर अंग से जुड़े कैंसर के बारे में आपने सुना होगा. बदलते खान पान, नशीले पदार्थों का ज्यादा सेवन, स्ट्रेस, मेंटल प्रेशर यह कुछ अहम कारण हैं जो शारीर में कैंसर को जन्म देता है. इन्ही कारणों से उपजने वाला एक कैंसर हैं सर्वाइकल कैंसर. और ये इतना खतरनाक है कि इसे साइलेंट किलर कहा जाता है, जिसके पीछे का कारण है इसका एक भी लक्षण सही समय पर सामने न आना. अभी  बोलिवुड की एक अदाकारा और मॉडल पूनम पांडेय की मौत का हर तरफ जिक्र होरहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं उनकी मौत के पीछे का कारण यही साइलेंट किलर कहा जाना वाला सर्वाइकल है.इस बीमारी की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब सरकार भी इस दिशा में कई कदम उठा रही है, जिसका हालिया उदहारण है 2024 का यूनियन बजट. दरअसल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करते हुए इस बात का ज़िक्र किया कि सरकार अब सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए लगने वाली वैक्सीन को सस्ते दामों में उपलब्ध कराने वाली है. तो आइये आज जानते हैं सर्वाइकल कैंसर के बारे में.

क्या है सर्वाइकल कैंसर?
सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो मूढ़ा गर्भाशय का होता है, जिसे गर्भाशय का मुंह कहा जाता है. यह कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है, लेकिन यह मुख्यतः महिलाओं में पाया जाता है.
सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण हुमारे शरीर में हुए एक विशेष प्रकार के वायरस, जिसे ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) कहा जाता है, के संपर्क में आने  से हो सकता है. यह वायरस ज्यादातर लोगों में खत्म हो जाता है, लेकिन कुछ केसेस में यह इन्फेक्शन कैंसर का कारण बन सकता है.

सर्वाइकल कैंसर के कैसे पहचानें?
शुरआत में  सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते मगर जैसे-जैसे यह बढ़ता है, सर्वाइकल कैंसर संकेत और लक्षण पैदा कर सकता है, जैसे:
योन संबंध के बाद दर्द महसूस होना.
मेनसुरेशन के  के बीच या मेनोपॉज के बाद योनि से रक्त आना
मेनसुरेशन में भारी मात्रा में रक्त बहना जो सामान्य से अधिक समय तक रहे.
पानी जैसा डिस्चार्ज ,जोकी दुर्गंधयुक्त हो सकता है.

सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचा जा सकता है?
सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट जैसे परीक्षण की आवश्यकता है. इससे छोटे लक्षणों को पहले से पहचाना जा सकता है और उचित उपचार की शुरुआत हो सकती है. HPV वैक्सीन से आप सर्वाइकल कैंसर से बच सकते हैं. वेसे तो इसके वैक्सीन लगाने की सलाह 11-12 साल की उम्र में दी जाती है. मगर एचपीवी वैक्सीन 9 साल की उम्र से दी जा सकते है.

सर्वाइकल कैंसर के जोखिम कारकों में शामिल हैं
1-धूम्रपान तम्बाकू: धूम्रपान से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. जब धूम्रपान करने वाले लोगों में एचपीवी संक्रमण होता है, तो संक्रमण लंबे समय तक बना रहता है और इसके ख़त्म होने की संभावना कम होती है.एचपीवी अधिकांश सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है.

2-प्रारंभिक यौन गतिविधि:कम उम्र में सेक्स करने से एचपीवी का खतरा बढ़ जाता है.

3-अन्य यौन संचारित संक्रमण: अन्य यौन संचारित संक्रमण, जिन्हें एसटीआई भी कहा जाता है, होने से एचपीवी का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर हो सकता है. जोखिम बढ़ाने वाले अन्य एसटीआई में हर्पीस, क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस और एचआईवी/एड्स शामिल हैं.

4-कमजोर इम्यून सिस्टम: यदि आपका  इम्यून सिस्टम किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति के कारण कमजोर हो गया है और आपको एचपीवी है तो आपको सर्वाइकल कैंसर होने की अधिक संभावना हो सकती है.

5- गर्भपात रोकने वाली दवा के संपर्क में आना:  यदि आपके माता-पिता ने गर्भावस्था के दौरान डायथाइलस्टिलबेस्ट्रोल नामक दवा ली है, जिसे डीईएस भी कहा जाता है, तो आपके गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.इस दवा का उपयोग 1950 के दशक में गर्भपात को रोकने के लिए किया जाता था. यह एक प्रकार के सर्वाइकल कैंसर से जुड़ा है जिसे क्लियर सेल एडेनोकार्सिनोमा कहा जाता है.

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