J&K और Ladakh में हाइड्रोजन ईंधन से चलेंगी बसें, स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम!

Hydrogen Fuel Cell Buses : लद्दाख में एनटीपीसी ने सिडको को 5 ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन सेल बसें सौंपीं. यह पहल स्वच्छ परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है. प्रशासनिक सचिव भूपेश चौधरी और मुख्य सचिव पवन कोटवाल ने इसे सराहा और भविष्य में इसे देशभर में अपनाने की संभावनाएं जताईं.

J&K और Ladakh में हाइड्रोजन ईंधन से चलेंगी बसें, स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम!
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Jammu and Kashmir : लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश अब स्वच्छ और हरित परिवहन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को लेह के पालम क्षेत्र स्थित एनटीपीसी ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी स्टेशन पर एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें एनटीपीसी लिमिटेड ने लद्दाख की औद्योगिक विकास संस्था सिडको को 5 ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित बसें सौंपीं.

इस ऐतिहासिक मौके पर कार्यक्रम में लद्दाख परिवहन विभाग के प्रशासनिक सचिव भूपेश चौधरी, लेह के अतिरिक्त उपायुक्त और एनटीपीसी, सिडको तथा अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. हाइड्रोजन बसों को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.

भूपेश चौधरी ने एनटीपीसी के ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का दौरा भी किया और वहां हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण और वितरण प्रक्रिया का अवलोकन किया. उन्होंने एनटीपीसी की इस पहल की जमकर सराहना की और कहा कि यह परियोजना लद्दाख को कार्बन-तटस्थ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में हाइड्रोजन आधारित सार्वजनिक परिवहन का सफल संचालन न केवल पर्यावरण की दृष्टि से फायदेमंद है, बल्कि यह तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इससे न केवल स्थानीय प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यह पूरी दुनिया को एक संदेश देगा कि भारत जैसे देश में भी हरित ऊर्जा आधारित परिवहन संभव है.

कार्यक्रम के बाद एनटीपीसी की टीम ने लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोटवाल से भी मुलाकात की और उन्हें इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मुख्य सचिव ने एनटीपीसी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी के लिए एक नई शुरुआत है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस परियोजना के पूरे अनुभव और सीखों को दस्तावेजीकरण कर अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

इस पहल से यह साफ है कि लद्दाख आने वाले समय में पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ विकास की दिशा में एक उदाहरण बनेगा.

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