असली या फिर नकली क्या है आपको, असली केसर की पहचान?

श्रीनगर से महज 14 किलोमीटर दूर पंपोर घाटी में तकरीबन 30 हजार किसान परिवारों की आय का एकमात्र संसाधन स्वदेशी क्रोकस फूलो की खेती है। जोकि काफी बड़े स्तर पर की जाती है । इसी क्रोकस फूल के लाल केसर के धागों को हार्वेस्टर महिलाओं द्वारा बड़ी ही सावधानी से चुना जाता है, जोकि काफी किमती है। इन किसान परिवारों की सालाना आमदानी केसर की बिक्री पर आधारित है,या यूं कहें कि उनकी कमाई का एकमात्र साधन केसर की बिक्री से आने वाली कमाई ही है। लेकिन इन किसान परिवारों की मेहनत पर पानी फेर रहा है नकली केसर ।

असली या फिर नकली क्या है आपको, असली केसर की पहचान?
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श्रीनगर :-कश्मीरी केसर पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखता है। केसर के इस्तेमाल करने वाले इसकी बेहतरीन किस्म को बहुत अच्छे से जानते है, लेकिन कश्मीरी केसर आज भी अपने बाजार के लिए सरकार की ओर नजरें टिकाए बैठा है और इस बीच नकली केसर का व्यापार अच्छी खासी पकड़ कर रहा है। इस बात ने केसर व्यापारियों की नींद उड़ा दी है। श्रीनगर से महज 14 किलोमीटर दूर पंपोर घाटी में तकरीबन 30  हजार किसान परिवारों की आय का एकमात्र संसाधन स्वदेशी क्रोकस फूलो की खेती है जोकि काफी बड़े स्तर पर की जाती है।

इसी क्रोकस फूल के लाल केसर के धागों को हार्वेस्टर महिलाओं द्वारा बड़ी ही सावधानी से चुना जाता है जोकि काफी किमती है। इन किसान परिवारों की सालाना आमदानी केसर की बिक्री पर आधारित है या यूं कहें कि उनकी कमाई का एकमात्र साधन केसर की बिक्री से आने वाली कमाई ही है। लेकिन इन किसान परिवारों की मेहनत पर पानी फेर रहा है नकली केसर देखने और सुंगध में एक जैसा दिखाई देने वाला नकली केसर कश्मीर आये हुये सैलानियों को आधी किमतों पर बेचकर उनसे भारी मुनाफा कमाया जा रहा है, और सबसे हैरानी की बात ये है कि ये व्यापार खुले आम धड़ले से किया जा रहा है।  जिसने असली केसर बेचने वाले व्यापारियों की नींद उड़ा दी है। 

जम्मू कश्मीर में चार जिले है- जहां केसर की खेती की जाती है पुलवामा,बड़गाम,श्रीनगर और किश्तवाड़ लेकिन सबसे अच्छी गुणवत्ता का केसर पुलवामा के पंपोर में उगाया जाता है। जिसके कारण कश्मीर को केसर का शहर कहा जाता है । पंपोर के खेतो में पाई जाने वाली मिट्टी की गुणवत्ता उम्दा किस्म के केसर की खेती के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है । यहां पर उगाये जाने वाले केसर की सुंगन्ध, रंग और औषधीय महत्वता सबसे ज्यादा है। यही मुख्य कारण है कि पर्यटक जब भी कश्मीर आते है तो पंपोर से केसर की खरीदारी जरूर करना चाहते है लेकिन उन्हें नकली केसर बेचकर असली काली कमाई करने वाले कुछ लोग असली केसर बाजार को चौपट करने में लगे है। 

केसर दुनिया की सबसे महंगी फसल है असली केसर की कीमत 1.60 लाख रूपये से लेकर तीन लाख रूपये किलों के बीच बिकता है। भारत में इसका उत्पादन भी सिर्फ कश्मीर में होता है असली केसर का व्यापार करने वाले व्यापारियों की उम्मीद भरी नजरें सरकार की ओर टिकी है। उनको चिन्ता है कि नकली केसर बेचने वालो के खिलाफ यदि कोई कारवाई नहीं हुई तो इससे उनकी रोजी रोटी का नुकसान तो होगा ही साथ ही साथ नकली केसर का बढ़ता व्यापार पर्यटकों में खासी नाराजगी लेकर आयेगा जिसके कारण लोग कश्मीर के केसर पर भरोसा करना बन्द कर देंगे। व्यापारी चाहते है कि असली केसर के व्यापार के लिए सरकार आगे आये और किसानों को बेहतर सुविधाओं के साथ एक बाजार मुहैया कराये।

दूसरा पर्यटकों को असली औऱ नकली केसर के बीच अंतर बताने के लिए सरकार द्वारा प्रचार किया जाये ताकि असली केसर बेचने वाले किसान परिवारों को उनकी उचित आमदनी मिल सके और केसर खरीदने वाला ग्राहक अपने आप को ठगा महसुस न कर सके। असली केसर का व्यापार करने वाले व्यापारियों की चिंता पर सरकार की अनदेखी कहीं न कहीं केसर व्यापार जगत को बहुत नुकसान पहुंचा रही है। सरकार को चाहिए कि वो नकली केसर बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई करें ताकि कश्मीर आये हुये पर्यटकों को पंपोर का असली केसर मिले नकली केसर पाकर उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। 

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