तख्त-ए-सुलेमान नाम की पहाड़ी पर मशहूर संत शंकराचार्य मंदिर
कश्मीर घाटी में सबसे पुराने मंदिरों में से एक "शंकराचार्य मंदिर" भगवान शिव को समर्पित और सबसे सम्मानित हिंदू तीर्थ स्थल है। तख्त-ए-सुलेमान नाम की पहाड़ी पर मशहूर संत शंकराचार्य के नाम पर बना मंदिर है।
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कश्मीर घाटी में सबसे पुराने मंदिरों में से एक "शंकराचार्य मंदिर" भगवान शिव को समर्पित और सबसे सम्मानित हिंदू तीर्थ स्थल है। तख्त-ए-सुलेमान नाम की पहाड़ी पर प्रसिद्ध संत शंकराचार्य के नाम पर बना मंदिर है।
न सिर्फ़ धर्म बल्कि एक आर्किटेक्चरल मार्वल के रूप में भी इसकी अलग ही पहचान है , यह मंदिर ज्येष्ठेश्वर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर से कोई भी शहर के नज़रों को ठंडक देने वाले दृश्यों का आनंद ले सकता है और इस एरिया की नेचुरल ब्यूटी को भी दिखता है । माना ये जाता है कि राजा गोपादत्य ने 371 ईसा पहले में मंदिर को बनाया था, इसे गोपाद्री नाम दिया था। महान शंकराचार्य जब सनातन धर्म को फिर से ज़िंदा करने कश्मीर आए थे, तब वे यहां रहा करते थे करते हैं। मंदिर लगभग 30 फ़ीट ऊंचा बना है और मंदिर में भगवान शिव का लिंगम है
आपको शंकराचार्य मंदिर के बारे में जो भी जानना चाहिए वो आपको यहाँ मिलेगा :
लोकेशन : दुर्गजान, श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर
टाइप ऑफ़ डेस्टिनेशन : तीर्थ स्थल
खुलने का समय: सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक
टाइम : 1 - 2 घंटे
कैसे पहुंचे शंकराचार्य मंदिर :
तीर्थयात्री हो या विजिटर बेस से मंदिर तक ट्रेक कर सकते हैं। कैब और टैक्सी से एयरपोर्ट और बस स्टैंड से पहुंचा जा सकता है। नेहरू पार्क और पहाड़ी पर स्थित, शंकराचार्य मंदिर बस स्टैंड और शहर के सभी हिस्सों से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
सबसे क़रीब एयरपोर्ट शेख उल आलम इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो 19 किमी की दूरी पर है और सीधी और कनेक्टिंग फ्लाइट्स से देश के बड़े शहरों और रियासतों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
शंकराचार्य मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय :
मंदिर जनाने के लिए अगर आप दिन का वक़्त चुनते है तो आपके लिए बेहतर होगा क्युकी मई से सितंबर शंकराचार्य मंदिर दौरे के लिए मौसम अच्छा रहता है, इस एरिये में चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली है जो आपके सफ़र को यादगार बना देगी
खुसूसियात शंकराचार्य मंदिर की :
मंदिर तक पहुंचने के लिए 243 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
मंदिर में 20 फुट लंबा अष्टकोणीय आकार का आधार है जो इमारत को सहारा देता है।
शंकराचार्य, महान दार्शनिक अपनी कश्मीर सफ़र के दौरान यहां निवास करते थे, और तब मंदिर का नाम बदलकर शंकराचार्य मंदिर कर दिया गया था।
मंदिर की तामीर:
मंदिर का निर्माण 371 ईसा पहले में राजा गोपादत्य द्वारा किया गया था और इसे गोपाद्री के नाम से जाना जाता था।
शंकराचार्य मंदिर के पास घूमने की जगह :
शंकराचार्य मंदिर के पास कई और भी जगह है. जहाँ कोई भी अपने सफ़र के दौरान श्रीनगर को यादगार बनाने के लिए जा सकता है। शंकराचार्य मंदिर के पास श्रीनगर में कुछ मशहूर जगह हैं:
:हजरतबल दरगाह
:परी महल
:हरि पर्वत
:लाल बाजार
:एंकर झील
:ट्यूलिप गार्डन
:शालीमार बाग
:वुलर झील
:डल झील