संसद में बोले इंजीनियर राशिद - "डेढ़ लाख देकर आया हूं, बोलने दीजिए, कश्मीरियों का दर्द कोई नहीं समझ सकता"
Enginee Rashid : तिहाड़ जेल से संसद पहुंचे सांसद इंजीनियर राशिद ने कहा कि वह डेढ़ लाख रुपये खर्च कर आए हैं, इसलिए उन्हें बोलने दिया जाए. उन्होंने पहलगाम हमले पर कश्मीरियों की पीड़ा को उजागर किया और कहा कि कश्मीर का हल केवल कश्मीरियों के पास है, न कि विदेशी नेताओं के पास.
Latest Photos


Jammu and Kashmir : संसद के मानसून सत्र में गुरुवार को उस समय भावुक माहौल बन गया जब जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद ने अपने दिल की बात संसद में रखी. तिहाड़ जेल से लाए गए इंजीनियर राशिद को विशेष अनुमति के तहत संसद में बोलने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि वह संसद में बोलने के लिए डेढ़ लाख रुपये खर्च करके आए हैं, इसलिए उन्हें बोलने दिया जाए.
राशिद ने संसद में अपनी बात की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले से की. उन्होंने कहा कि इस हमले में मारे गए लोगों की पीड़ा हमसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता क्योंकि कश्मीरियों ने 1989 से अब तक हजारों लोगों को खोया है. उन्होंने कहा कि हम तो केवल लाशें ही उठाते रहे हैं और कब्रिस्तान ही कब्रिस्तान देखे हैं.
सांसद ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपने देश को तीन हिस्सों में बांट दिया है, लेकिन कश्मीरियों को क्यों मारा जा रहा है? हमारा क्या कसूर है? हमारे खून का हिसाब कौन देगा? उन्होंने कहा कि आज हर कोई अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात करता है, लेकिन कश्मीर समस्या का हल ट्रंप के पास नहीं, कश्मीरियों के पास है.
इंजीनियर राशिद ने यह भी कहा कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह बार-बार संसद आ सकें. उन्होंने भावुक होकर कहा कि अगर आज मुझे नहीं बोलने दिया गया, तो मैं शायद फिर कभी अपनी बात नहीं कह पाऊं.
गौरतलब है कि इंजीनियर राशिद अभी भी तिहाड़ जेल में बंद हैं और संसद सत्र में शामिल होने के लिए उन्हें विशेष सुरक्षा और अनुमति के तहत लाया गया. कोर्ट ने तय किया है कि संसद में आने-जाने का खर्च सांसद को खुद उठाना होगा, जिस पर राशिद ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं.
इस दौरान उन्होंने कश्मीरियों के दर्द को देश के सामने रखने की कोशिश की और कहा कि वहां के लोगों की तकलीफ को समझा जाए और शांति के लिए सही दिशा में काम हो.