NIA 3D Mapping : बायसरन घाटी में NIA करेगी 3D मैपिंग, आतंकियों के आने और जाने के रास्तों का पता चलेगा!
3D Mapping of Baisaran Valley : बीते बुधवार को NIA की एक स्पेशल टीम हाईटेक उपकरणों के साथ फिर से बायसरन घाटी पहुंची. टीम के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की बम निरोधक दस्ता (BDS) और फॉरेंसिक टीमें भी मौजूद रहीं. तकरीबन सात घंटे तक पूरे इलाके की गहन जांच की गई.
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Jammu and Kashmir : पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जांच को लेकर NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने बड़ा कदम उठाया है. अब घाटी की 3D मैपिंग की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि आतंकी किस रास्ते से आए और किस रास्ते से भागे.
बीते बुधवार को NIA की एक स्पेशल टीम हाईटेक उपकरणों के साथ फिर से बायसरन घाटी पहुंची. टीम के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की बम निरोधक दस्ता (BDS) और फॉरेंसिक टीमें भी मौजूद रहीं. तकरीबन सात घंटे तक पूरे इलाके की गहन जांच की गई.
सूत्रों के मुताबिक, अब तक चश्मदीदों के बयानों के आधार पर घाटी का 3D नक्शा तैयार किया जाएगा. इससे आतंकियों के एंट्री और एग्जिट पॉइंट की सटीक जानकारी मिल सकेगी. साथ ही, यह भी पता चलेगा कि हमले के बाद वे किस रास्ते से फरार हुए.
NIA की टीम ने घटनास्थल से जरूरी सबूत भी इकट्ठा किए हैं. जरूरत पड़ने पर टीम दोबारा भी घटनास्थल पर जा सकती है. आसपास के 3 किलोमीटर के इलाके में भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है ताकि आतंकियों के मूवमेंट के सुराग मिल सकें.
अब तक NIA की टीम ने पहलगाम थाने में 100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं. इनमें बायसरन में काम करने वाले घोड़े वालों, स्थानीय लोगों और जिपलाइन ऑपरेटरों के बयान भी शामिल हैं. खासतौर पर जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल से भी पूछताछ की गई है, जिस पर यह आरोप है कि आतंकियों की फायरिंग की आवाज सुनकर उसने "अल्लाह हू अकबर" कहा और पर्यटक को आगे भेज दिया.
जांच एजेंसियों का मानना है कि 3D मैपिंग से आतंकियों के पूरे नेटवर्क और उनके भागने के रास्तों की सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे आगे की कार्रवाई में आसानी होगी...