Amarnath Yatra : अमरनाथ यात्रा के लिए जबलपुर से चलेगी Special ट्रेन, श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी सुविधा!

Special Train for Amarnath Yatra : अमरनाथ यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने जबलपुर से कटड़ा तक विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है. यह ट्रेन 4 और 11 अगस्त को चलेगी. अब तक 3.60 लाख श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं. शिवलिंग के पिघलने और यात्रा अवधि बढ़ने से तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई है.

Amarnath Yatra : अमरनाथ यात्रा के लिए जबलपुर से चलेगी Special ट्रेन, श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी सुविधा!
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Jammu and Kashmir : अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे विभाग ने विशेष ट्रेन चलाने का फैसला किया है. यह विशेष ट्रेन जबलपुर से श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा तक चलेगी और फिर वापस जबलपुर आएगी. रेलवे ने यह सेवा अमरनाथ यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू की है ताकि उन्हें यात्रा के दौरान कोई परेशानी न हो.

ट्रेन संख्या 01707/01708, जबलपुर से कटड़ा के लिए 4 अगस्त और 11 अगस्त को (हर सोमवार) चलेगी. वापसी की यात्रा कटड़ा से 5 और 12 अगस्त को (हर मंगलवार) होगी. यानी यह ट्रेन कुल दो फेरे लगाएगी. जबलपुर से यह ट्रेन सुबह 5:25 बजे रवाना होगी और शाम 6 बजे कटड़ा पहुंचेगी.

इस यात्रा के दौरान यह ट्रेन कटनी, दमोह, सागर, झांसी, ग्वालियर, आगरा, मथुरा, अलवर, लुधियाना, पठानकोट और जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर रुकेगी. वापसी में यह ट्रेन कटड़ा से रात 9:15 बजे चलकर अगले दिन सुबह 9:35 बजे जबलपुर पहुंचेगी. वापसी मार्ग में ट्रेन जम्मू तवी, जालंधर, लुधियाना, रोहतक, रेवाड़ी, अलवर, आगरा, सागर और कटनी स्टेशनों पर ठहरेगी.

इस ट्रेन में एसी, स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बे होंगे ताकि सभी वर्गों के यात्री यात्रा कर सकें. रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे समय पर टिकट आरक्षित कर लें और यात्रा के दौरान सभी नियमों का पालन करें.

इधर अमरनाथ यात्रा जारी है और अब तक 3.60 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं. हालांकि, यात्रा की अवधि बढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ गिरावट देखी जा रही है. शनिवार को जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 2,324 श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ जिसमें 377 महिलाएं और 51 साधु-साध्वियां शामिल थे.

श्रद्धालुओं में अब भी भारी उत्साह है. कुछ सीधे बालटाल और पहलगाम भी पहुंच रहे हैं. हालांकि, बर्फ से बने प्राकृतिक शिवलिंग के पिघलने के कारण दर्शन करने वालों की संख्या में थोड़ी कमी आई है. यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी और 38 दिनों तक चलेगी.

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