फारूक अब्दुल्ला की अपील: भारत-पाक के बीच युद्ध नहीं, बातचीत से निकले हल!

Farooq Abdullah on India Pak Tension : फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर 'टू नेशन थ्योरी' (Two Nation Theory) को उठाना आग में घी डालने जैसा है, जिससे माहौल और बिगड़ सकता है.

फारूक अब्दुल्ला की अपील: भारत-पाक के बीच युद्ध नहीं, बातचीत से निकले हल!
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Jammu and Kashmir : नेशनल कान्फ्रेंस चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता जाहिर की है. उन्होंने साफ कहा कि दोनों देशों के बीच हालात भले ही बेहद तनावपूर्ण दिख रहे हों, लेकिन पर्दे के पीछे बातचीत की कोशिशें भी जारी हैं.

गुरुवार को श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि दोनों देश युद्ध की तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन कूटनीतिक स्तर पर शांति बहाली के प्रयास भी जारी हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश भी यही कोशिश कर रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच जंग न हो और कोई न कोई समाधान निकल आए. हालांकि उन्होंने ये भी जोड़ा कि बातचीत का नतीजा क्या होगा, यह कहना अभी मुश्किल है और यह ऊपर वाला ही जानता है.

फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत की शांति और तरक्की को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. वह समाज में नफरत और भ्रम फैलाकर देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर 'टू नेशन थ्योरी' (Two Nation Theory) को उठाना आग में घी डालने जैसा है, जिससे माहौल और बिगड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हिंसा और आतंकवाद का रास्ता अपनाया है, लेकिन उसने ये नहीं सोचा कि इसका सबसे ज्यादा असर भारत में रहने वाले मुसलमानों पर पड़ेगा, जो पहले से ही कई तरह के दबाव झेल रहे हैं. फारूक ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के हालिया भड़काऊ बयानों पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस तरह की बयानबाजी से सिर्फ तनाव और बढ़ेगा.

फारूक अब्दुल्ला ने दोनों देशों की सरकारों से अपील की कि वे जिम्मेदारी से व्यवहार करें और युद्ध से बचें. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर युद्ध हुआ तो इसका खामियाजा सिर्फ सीमा पर तैनात सैनिकों को ही नहीं, बल्कि दोनों तरफ के आम लोगों को भी भुगतना पड़ेगा.

अब्दुल्ला ने अंत में कहा, "अगर युद्ध हुआ भी तो आखिरकार उसका हल बातचीत की मेज पर ही निकलेगा. इसलिए बेहतर है कि दोनों देश पहले से ही शांति से बातचीत करें और समाधान निकालें."

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