लद्दाख के लोगों को सरकारी नौकरियों में 95% आरक्षण, डोमिसाइल नीति पर भी सहमति!
Ladakh New Reservation Policy : लद्दाख के निवासियों को सरकारी नौकरियों में 95% आरक्षण मिलेगा. शेष 5% नौकरियां 2019 के बाद से 15 साल लद्दाख में रहने वालों को 2034 से मिलेंगी. दिल्ली में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया, जिससे डोमिसाइल विवाद भी सुलझ गया.
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Jammu and Kashmir : लद्दाख के लोगों को सरकारी नौकरियों में अब 95 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. यह फैसला मंगलवार को दिल्ली में हुई एक अहम बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने की. इस फैसले से लद्दाख के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी और बाहर से आने वालों के लिए नियम सख्त होंगे.
बैठक में लद्दाख के दो बड़े संगठनों – लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस – के 14 प्रतिनिधियों (दोनों से 7-7) ने हिस्सा लिया. बैठक दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चली. इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कुछ अहम निर्णय लिए गए.
सबसे बड़ा फैसला यह लिया गया कि लद्दाख के स्थायी निवासियों को सरकारी नौकरियों में 95 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. बाकी 5 प्रतिशत नौकरियां उन लोगों के लिए होंगी, जो 2019 के बाद से लद्दाख में 15 साल तक रहेंगे और डोमिसाइल प्राप्त करेंगे. यानी, 2034 से ऐसे लोग इन नौकरियों के पात्र माने जाएंगे.
इस फैसले से डोमिसाइल नीति को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति भी साफ हो गई है. अब यह स्पष्ट है कि सरकारी नौकरी के लिए लद्दाख का डोमिसाइल अनिवार्य होगा. इससे स्थानीय युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी.
बैठक के बाद छेरिंग दोरजे और असगर अली करबलाई जैसे नेताओं ने इस निर्णय का स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया. उन्होंने इसे लद्दाख के लोगों के हित में एक बड़ा कदम बताया.
इसके साथ ही तय हुआ है कि जून महीने में होने वाली अगली बैठक में लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के गठन पर विशेष चर्चा होगी. लद्दाख के संगठनों ने यह भी मांग रखी है कि राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची से जुड़ी मांगों पर भी अब केंद्र को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
लेह पर्वतीय विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद ने भी बैठक के फैसलों की तारीफ की और कहा कि इससे साफ होता है कि केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों के भविष्य को लेकर गंभीर है.
लद्दाख के संगठन इस बैठक को लेकर पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डटे हुए थे. उन्होंने एकजुट होकर सरकार पर दवाब बनाया कि सिर्फ आश्वासन नहीं, अब ठोस कार्रवाई चाहिए. फिलहाल इस फैसले से लद्दाख के युवाओं को बड़ी राहत मिली है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में बाकी मांगों पर भी केंद्र सकारात्मक कदम उठाएगा.