Drugs: जम्मू-कश्मीर में नशे का बढ़ता जाल, सरकारी आंकड़े कर देंगे हैरान!

Drug Problem in J&K : जम्मू-कश्मीर में नशे का संकट गंभीर होता जा रहा है. 2018 से 2022 के बीच 1.12 लाख किलोग्राम नशीली दवाएं जब्त की गईं. हजारों गिरफ्तारियां हुईं और NDPS कानून के तहत कार्रवाई तेज हुई. सरकार ड्रग नेटवर्क तोड़ने और युवाओं को नशे से बचाने के लिए सख्त कदम उठा रही है.

Drugs: जम्मू-कश्मीर में नशे का बढ़ता जाल, सरकारी आंकड़े कर देंगे हैरान!
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Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और यह इलाका नशे की चपेट में आ गया है. संसद में पेश किए गए सरकारी आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी गंभीर समस्या बन गई है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि सरकार नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2018 से 2022 के बीच जम्मू-कश्मीर में 1.12 लाख किलोग्राम से ज्यादा नशीली दवाएं जब्त की गईं. हर साल यह आंकड़ा बदलता रहा. 2018 में 19,353 किलोग्राम ड्रग्स, 87,713 यूनिट और करीब 8,000 लीटर नशीले पदार्थ जब्त हुए. 2019 में यह संख्या बढ़कर 26,517 किलोग्राम ड्रग्स, 1.64 लाख यूनिट और 2,133 लीटर हो गई.

2020 में जब्ती की संख्या और बढ़ी. इस साल 27,361 किलोग्राम ड्रग्स, 6.18 लाख यूनिट और 40,890 लीटर नशीली दवाएं जब्त की गईं. हालांकि 2021 और 2022 में इसमें गिरावट दर्ज हुई. 2021 में 22,082 किलोग्राम ड्रग्स और 4,069 लीटर नशीले पदार्थ बरामद किए गए. 2022 में यह घटकर 17,192 किलोग्राम और 956 लीटर रह गया.

जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुसार, 2023 में 29,306 किलोग्राम नशीली सामग्री और 74,179 यूनिट दवाएं नष्ट की गईं. वहीं 2024 के पहले 6 महीनों में 4,365 किलोग्राम ड्रग्स और 26,772 यूनिट दवाएं नष्ट की गई हैं.

NDPS ACT के तहत 2018 में 938 और 2022 में 1,837 लोगों को गिरफ्तार किया गया. यानी पांच वर्षों में नशे के आरोप में गिरफ्तारियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई. 2023 से अब तक जम्मू-कश्मीर में 3,190 केस दर्ज हुए और 4,536 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

ड्रग माफिया पर शिकंजा कसने के लिए पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत पिछले 18 महीनों में 463 लोगों को हिरासत में लेने के आदेश जारी किए गए हैं. साथ ही, ओपिओइड और अन्य मनो-प्रभावी पदार्थों की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं.

सरकार की कोशिश है कि नशे के इस जाल को जड़ से खत्म किया जाए और युवाओं को इस दलदल में फंसने से बचाया जा सके.
 

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