Kargil Vijay Diwas : द्रास में गूंजे 'भारत माता की जय' के जयकारे, देशभक्ति से सराबोर माहौल!
Drass Sector : कारगिल विजय दिवस 2025 पर द्रास में वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई. देशभक्ति से भरे कार्यक्रमों में शहीदों के परिजनों का सम्मान हुआ. सेना ने सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया और कारगिल युद्ध की वीरगाथाएं सुनाई गईं. पूरा वातावरण गौरव, सम्मान और देशप्रेम से ओतप्रोत रहा.
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Ladakh : शनिवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर द्रास में देशभक्ति का जबरदस्त माहौल देखने को मिला. छब्बीस साल पहले पाकिस्तान को करारी शिकस्त देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग कारगिल वॉर मेमोरियल पर पहुंचे. यह दिन भारतीय सेना की वीरता, साहस और बलिदान की गाथा को याद करने का है.
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह सेना के हेलिकॉप्टरों द्वारा पुष्पवर्षा से हुई. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, लद्दाख के उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे. सभी ने 1999 के युद्ध में शहीद हुए 545 बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी.
कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने टाइगर हिल, तोलोलिंग, मुश्कोह वैली और लमोचन टॉप जैसी ऊंची पहाड़ियों को दुश्मनों से मुक्त करवाया था. इस लड़ाई में भारतीय सेना के 537, वायुसेना के 5 और सीमा सुरक्षा बल के एक जवान ने अपनी जान गंवाई थी. दो नागरिक भी शहीद हुए थे. इस युद्ध में ‘ऑपरेशन विजय’, ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ और ‘ऑपरेशन तलवार’ जैसे सैन्य अभियान चलाए गए थे.
द्रास में बने कारगिल वॉर मेमोरियल पर सुबह 6 बजे से ही बलिदानियों के परिजन और स्थानीय लोग जुटने लगे थे. शहीदों के परिवारजन गर्व और भावुकता के बीच पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे. उनके चेहरे पर अपने परिजनों के बलिदान का गर्व और पाकिस्तान के विश्वासघात पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था.
सेना के बैंड ने देशभक्ति से ओतप्रोत धुनें बजाईं जिससे वहां मौजूद हर शख्स भावुक हो उठा. 'लास्ट पोस्ट' धुन के साथ विजय दिवस का समापन किया गया. कार्यक्रम के दौरान एनसीसी कैडेट्स, कारगिल स्वायत्त पर्वतीय परिषद के सदस्य और लद्दाख प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे.
दोपहर में कारगिल बैटल ग्राउंड में सैन्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें सेना की आधुनिक तकनीक, हथियार, तोपें, ड्रोन और निगरानी उपकरण दिखाए गए. यह प्रदर्शनी शाम चार बजे तक चली.
इससे पहले शुक्रवार को दो दिवसीय कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी जिसमें बलिदानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया. शौर्य संध्या में वॉर मेमोरियल को दीपों से सजाया गया और गौरवमय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ.